Keywords : तुलसीदास साहित्य और सामाजिक जीवन दर्शन”
Abstract : तुलसीदास समाजदर्शन,जनकल्याण करने वाले एवं समाजवादी जनवादी रचनाकार का दर्शन है। तुलसीदास का काव्यो में समाज दर्शन मानव समाज के कल्याण में ही निहित है । गोस्वामी तुलसीदास ने अपने समय की समाज की दुर्बलताओं को देखा था। उन्होंने अनुभव किया कि समाज केवल आर्थिक धरातल पर विपन्न नहीं, आंतरिक धरा पर भी जड़ीभूत है, ऐसे समय में मर्यादा पुरुषोत्तम राम की आवश्यकता थी । जो पारिवारिक, सामाजिक, राजनीतिक जीवन का आदर्श बन सके। जो अन्याय के विरुद्ध संघर्ष की चेतना भर सके। उन्होंने राम कथा के माध्यम से ऐसा ही आदर्श की स्थापना कर समाज को नहीं रहा बताई।
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