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आजादी के 76 वर्ष और सामाजिक समस्याओं की बदलते स्वरूप तलाक विवाह विच्छेद अवधारणा, कारण, आपसी समझ की स्थिति, निवारण के उपाय

Keywords : सामाजिक समस्याओं की बदलते स्वरूप, तलाक विवाह विच्छेद अवधारणा, कारण, आपसी समझ की स्थिति, निवारण के उपाय

Abstract : समाज की व्यवस्था को बनाए रखना तथा यो आवश्यकताओं की पूर्ति को कानूनी तरीके के रूप में विवाह की संस्था को सामाजिक स्वीकृति दी गई विवाह जहां एक और नए परिवार का सृजन करता हैवही दो व्यक्तियों और दो अलग-अलग परिवारों को एक साथ लाने की व्यवस्था भी प्रदान करता हैलेकिन जब पति-पत्नी के वैवाहिक संबंधों में मधुरता का अभाव होने लगता है तो विवाह विच्छेद की स्थिति उत्पन्न होती है लेकिन विवाह विच्छेद की यह स्थिति अचानक उत्पन्न नहीं होती कभी-कभी पारिवारिक तनावों के बावजूद विवाहित जोड़े अपना जीवन औपचारिक रूप से संगठित बनाए रखते हैं तथा कुछ धार्मिक विश्वासों पारिवारिक प्रतिष्ठा तथा पारिवारिक दबाव के कारण अपना जीवन ऊपरी तौर पर संगठित रखते हैं परंतु अंदर से तनाव की स्थिति बनी रहती है लेकिन जब यह तनाव की स्थिति अपनी पराकाष्ठा में पहुंच जाती हैतो विवाह विच्छेद की स्थिति उत्पन्न होती है ग्रामीण भारतीय समाज में पारिवारिक जीवन कष्टप्रद और तनाव युक्त होने के बावजूद विवाह विच्छेद की स्थितियां नहीं के बराबर होती है लेकिन दूसरी ओर आधुनिक समाज में इस भौतिकवादी युग में जहां एकांकी परिवार बढ़ने लगी है संयुक्त परिवार कम होने लगे है यह विवाह विच्छेद का एक प्रमुख कारण हो सकता है क्योंकि इस आधुनिक युग में पति-पत्नी दोनों नौकरी करते हैं एक दूसरे को समय नहीं दे पाते हैं और दोनों के बीच संबंधों में खटास पैदा होती रहती है और यही तनावपूर्ण माहौल एक में एक दिन विवाह विच्छेद का कारण बन सकता है।

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