journalmucojor@gmail.com +91 91738 61986

हिंदी साहित्य में पर्यावरण का चित्रण

Keywords : हिंदी साहित्य, पर्यावरण का चित्रण

Abstract : मानव जीवन एवं पर्यावरण एक दूसरे के पर्याय है। जहां मानव का अस्तित्व पर्यावरण से है वही मानव द्वारा निरंतर किए जा रहे पर्यावरण के विनाश से भविष्य के संकट भी जुड़े हैं। पर्यावरण का संबंध समाज के प्रत्येक वास्तु जगत से है, साहित्य से भी पर्यावरण का अटूट नाता देखा गया है। साहित्य में पर्यावरण का चित्रण प्रकृति वर्णन के रूप में हुआ है। प्रकृति चित्रण साहित्य में प्रकृति को पर्यावरण का अंग मानकर पर्यावरण को ही प्रकृति के रूप में चित्रित किया गया है। साहित्य में प्रकृति और पर्यावरण में अंतर नहीं किया जाना जरूरी है। प्रकृति और मनुष्य का साथ मनुष्य के इस धरती पर अस्तित्व के साथ ही जुड़ा हुआ है। मनुष्य ने अपने अस्तित्व की रक्षा करने के लिए प्रकृति को समझने तथा उसके साथ सामंजस्य बनाने की कोशिश की। फिर भी मनुष्य प्रकृति के अनबूजे रहस्यों के आगे चमत्कृत होकर रह जाता है। प्रकृति की शक्ति के आगे मनुष्य निरूपाय है। मनुष्य प्रकृति की शक्तियों से डरकर उसे प्रसन्न करने के लिए उसकी वंदना में गीत लिखने लगा। वेदों में और कवियों की वाणी में प्रकृति और मनुष्य का सहज संबंध व्यक्त किया गया है।

Download